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सौ बार गिरे हो, तो भी याद रहे: स्वभाव अपना उड़ान है, घर अपना आसमान है || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता

2025-03-17 1 Dailymotion

वीडियो जानकारी: 31.12.24, गीता समागम, ग्रेटर नॉएडा

Title : (गीता-50) सौ बार गिरे हो, तो भी याद रहे: स्वभाव अपना उड़ान है, घर अपना आसमान है || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता (2024)

📋 Video Chapters:
00:00 - Intro
1:06 - सत्र की भूमिका
3:30 - तुम कर्मों से परे हो
8:13 - सफलता-असफलता से परे
12:36 - मान्यताएँ ही तुम्हारी कैद है
16:56 - स्कोर क्या हुआ है?
20:43 - अतीत से सीखने का सही अर्थ
29:48 - तुम्हारा कुछ नहीं बिगड़ सकता
45:29 - एक अस्पर्शित केंद्र
50:25 - बस एक दायरा अपना चाहता हूँ
56:25 - अध्यात्म का मूल उद्देश्य
59:47 - भीतर स्थिरता, बाहर गति
1:05:34 - आंतरिक मजबूती की परीक्षा
1:13:43 - श्री कृष्ण की अद्भुत छवि
1:16:10 - 2025 के लिए विशेष संदेश
1:24:30 - खुल कर खेलने का सूत्र
1:30:00 - Testimonial

विवरण: इस वीडियो में आचार्य प्राशांत जी समझा रहे हैं कि संसार में जो कुछ भी होता है, वह हमारे स्वभाव को प्रभावित नहीं करता। मनुष्य बार-बार अपने अतीत के अनुभवों से स्वयं को परिभाषित करता रहता है, लेकिन भगवद गीता के अनुसार, संसार के पैमानों से हमारी वास्तविकता प्रभावित नहीं होती। कोई भी बाहरी घटना, उपलब्धि, असफलता या पहचान हमारी आंतरिक सच्चाई को बदल नहीं सकती—यह जान लेना ही असली स्वतंत्रता है। उन्होंने इसे एक रूपक के माध्यम से समझाया कि यह संसार मात्र एक खेल के समान है, जिसमें मनुष्य विभिन्न भूमिकाएँ निभाता है, लेकिन इन भूमिकाओं का उसके वास्तविक अस्तित्व से कोई संबंध नहीं होता। 2025 के आगमन के अवसर पर उन्होंने प्रेरित किया कि यह वर्ष गति और स्वतंत्रता का हो, जहाँ लोग अपने जीवन को संपूर्णता से जिएँ—बिना किसी भय या असुरक्षा के।

🎧 सुनिए #आचार्यप्रशांत को Spotify पर:
https://open.spotify.com/show/3f0KFweIdHB0vfcoizFcET?si=c8f9a6ba31964a06
संगीत: मिलिंद दाते
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